जरा झुमाने दो मुजे देखी मैं कोई दास्तान हुं - The Indic Lyrics Database

जरा झुमाने दो मुजे देखी मैं कोई दास्तान हुं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - लुटेरा | वर्ष - 1965

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ज़रा झूमने दो के मसरूर हूँ मैं
यहाँ हूँ यहाँ से बहुत दूर हूँ मैंमुझे देखिए मैं कोई दास्ताँ हूँ -२
बहुत कुछ है दिल में मगर बेज़ुबाँ हूँ
मुझे देखिए मैं ...जिन्हें याद हूँ मैं भुलाएँगे कैसे
मुझे बज़्म से वो ( उठाएँगे कैसे ) -२
जली तो शमा थी बुझी तो धुआँ हूँ
मुझे देखिए मैं ...अभी चाहती हूँ ज़रा मुस्कराना
कभी फिर करूँगी बयाँ ये फ़साना
मुझे जान लेगा ( किसी दिन ज़माना ) -३
बहार-ए-चमन हूँ के दौर-ए-ख़िज़ाँ हूँ
मुझे देखिए मैं ...शिक़स्त-ए-मुहब्बत भला कैसे मानूँ
अजी दर्द-ए-दिल को दवा कैसे मानूँ
कि मैं एक बुत को ( ख़ुदा कैसे मानूँ ) -२
बुतों की ख़ुदाई पे मैं बदगुमाँ हूँ
मुझे देखिए मैं ...