वो जब याद आए बहुत याद आ - The Indic Lyrics Database

वो जब याद आए बहुत याद आ

गीतकार - फारूक कैसर | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - पारसमणी | वर्ष - 1963

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वो जब याद आए बहुत याद आए
ग़म-ए-ज़िंदगी के अंधेरे में हमने
चिराग-ए-मुहब्बत जलाए बुझाएआहटें जाग उठीं रास्ते हंस दिये
थामकर दिल उठे हम किसी के लिये
कई बार ऐसा भी धोखा हुआ है
चले आ रहे हैं वो नज़रें झुकाएदिल सुलगने लगा अश्क़ बहने लगे
जाने क्या-क्या हमें लोग कहने लगे
मगर रोते-रोते हंसी आ गई है
ख़यालों में आके वो जब मुस्कुराएवो जुदा क्या हुए ज़िंदगी खो गई
शम्मा जलती रही रोशनी खो गई
बहुत कोशिशें कीं मगर दिल न बहला
कई साज़ छेड़े कई गीत गाए