मनभावन, मनभावन लो सावन आया रे - The Indic Lyrics Database

मनभावन, मनभावन लो सावन आया रे

गीतकार - प्रदीप | गायक - लीला चिटनिस | संगीत - सरस्वती देवी | फ़िल्म - बंधन | वर्ष - 1940

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मेरा दिल तड़पा कर कहाँ चला इतना तो बता के जा

मेरा दिल तड़पा कर कहाँ चला इतना तो बता के जा

इसे खेल कहूँ या प्यार कहूँ मुझे ये समझा के जा

मेरा दिल तड़पा कर

होंठों पर ना आँखों में हाँ कुछ रूठे कुछ माने हुए

इकरार है यह इनकार है यह इतना तो बता के जा

मेरा दिल तड़पा कर

जी भर के सताया तूने हमें अब चोरी चोरी जाने लगी

ओ दूर देश के सौदागर कर्ज़ा तो चुका के जा

मेरा दिल तड़पा कर