चलत मुसाफिर मोह लियो रे पिंजदे वली मुनिया - The Indic Lyrics Database

चलत मुसाफिर मोह लियो रे पिंजदे वली मुनिया

गीतकार - शैलेंद्र सिंह | गायक - सहगान, मन्ना दे | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - तीसरी कसम | वर्ष - 1966

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चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे पिंजड़े वाली मुनिया-४उड़ उड़ बैठी हलवइया दुकनिया-२
हे रामा!!!!
उड़ उड़ बैठी हलवइया दुकनिया
आरे!!
(बरफ़ी के सब रस ले लियो रे
पिंजड़े वाली मुनिया )-२अ हे अ हे ... हे रामाउड़ उड़ बैठी बजजवा दुकनिया-२
आहा!!!!
उड़ उड़ बैठी बजजवा दुकनिया
आरे!
(कपड़ा के सब रस ले लियो रे
पिंजड़े वाली मुनिया )-३जियो जियो पलकदस जियो!!उड़ उड़ बैठी पनवड़िया दुकनिया-२
हे रामा!!!!
उड़ उड़ बैठी पनवड़िया दुकनिया
आरे!!
(बीड़ा के सब रस ले लियो रे
पिंजड़े वाली मुनिया )-३