जब जाग उथे अरमान तो कैसे निन्द आये: - The Indic Lyrics Database

जब जाग उथे अरमान तो कैसे निन्द आये:

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - हेमंत कुमार | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - बिन बादल बरसात | वर्ष - 1963

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जब जाग उठे अरमां तो कैसे नींद आए
हो घर में हसीं मेहमां तो कैसे नींद आए, नींद आए
जब जाग उठे अरमां तो कैसे नींद आए(ये रात ये दिल की धड़कन ये बढ़ती हुई बेताबी
इक जाम की खातिर जैसे बेचैन हो कोई शराबी )-(२)
शोलों में गिरी हो जान तो कैसे नींद आए
जब जाग उठे अरमां तो कैसे नींद आए(नज़दीक बहुत है मंज़िल फिर भी है ग़ज़ब की दूरी
ऐ दिल ये तू ही बतला दे ये कौन सी है मजबूरी )-(२)
जब सोच में हो इनसां तो कैसे नींद आए
हो घर में हसीं मेहमां तो कैसे नींद आये, नींद आए
जब जाग उठे अरमां तो कैसे नींद आए