छेद मेरे हमाराही गीत कोई ऐसा - The Indic Lyrics Database

छेद मेरे हमाराही गीत कोई ऐसा

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - मस्ताना | वर्ष - 1970

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छेड़ मेरे हमराही गीत कोई ऐसा
उम्र भर हम जिसे गुनगुनाते रहें
छेड़ मेरे हमराही ...मिलके न बिछड़ें ये दिल ये पल ये आँखें
आए ना आए ना ये रुत ये दिन ये रातें
मौसम बाग़ों में आते-जाते रहें
छेड़ मेरे हमराही ...मुड़के न देखेंगे ये पल ये राहें
पीछे रह जाएँ जीवन की सब सीमाएँ
राहों पे क़दम डगमगाते रहें
छेड़ मेरे हमराही ...तन इक दीपक है साँस दीपक की बाती
हम दोनों के दिल बनके तारे ओ साथी
काली रातों में जगमगाते रहें
छेड़ मेरे हमराही ...