भोली सूरत दिल के खोटे - The Indic Lyrics Database

भोली सूरत दिल के खोटे

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर - सी. रामचंद्र | संगीत - सी. रामचंद्र | फ़िल्म - अलबेला | वर्ष - 1951

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भोली सूरत दिल के खोटे
नाम बड़े और दरशन छोटे
नए जमाने के ये छैला
उजले कपडे दिल है मैला
रंगबिरंगी इनकी टाई
घर में लेकिन कड़की छाई
फैशन में दिल लोटे पोटे
नए ज़माने की ये नारी
ऊंची सैंडल बाँकी साड़ी
नैनों में कजरा, होठों पे लाली
हाथ में कंगन, कान में बाली
नखरे बड़े मोटे मोटे
हुस्न और इश्क़ की ये लड़ाई
शुरू से जग में होती आई
न कोई जीते, न कोई हारे
अजी क्यों ना दिल मिल जाए सारे
ना तुम बड़े ना हम छोटे