तुम हो साथ रात भी हसीं है - The Indic Lyrics Database

तुम हो साथ रात भी हसीं है

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - मोहर | वर्ष - 1959

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तुम हो साथ रात भी हसीं है
अब तो मौत का भी ग़म नहीं है
चाँद जानता नहीं ये दास्ताँ
किस तरफ़ चला है मेरा कारवाँ
फिर कभी न साथ होंगे हम यहाँ
चाँ को तो ये ख़बर नहीं है
तुम हो साथ रात भी हसीं है
अब तो मौत का भी ग़म नहीं है
कितना ख़ुशनसीब मेरा प्यार है
मेरे सामने मेरी बहार है
तेरी हर अदा से मुझको प्यार है
आज मुझको कोई ग़म नहीं है
तुम हो साथ रात भी हसीं है
अब तो मौत का भी ग़म नहीं है
आज फूल मेरे प्यार के खिले
अब न हैं शिक़ायते न हैं गिले
जो मौत मुझको तेरे हाथ से मिले
वो मौत ज़िन्दगी से कम नहीं है
तुम हो साथ रात भी हसीं है
अब तो मौत का भी ग़म नहीं है$