हुस्न से चंद भी शरमाया हैं - The Indic Lyrics Database

हुस्न से चंद भी शरमाया हैं

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - दूर की आवाज | वर्ष - 1964

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( हुस्न से चाँद भी शरमाया है
तेरी सूरत ने गज़ब ढाया है ) -२हाय इन प्यार में डूबी हुई आँखों की क़सम
आदमी क्या है फ़रिश्तों के बहक जाएँ क़दम
बिन पिए मुझपे नशा छाया है
तेरी सूरत ने ...जब से पाया है तुझे होश नहीं है मुझको
या तो ये सच है कि देख रहा हूँ तुझको
या कोई ख़्वाब नज़र आया है
तेरी सूरत ने ...मुस्कराएँ जो तेरे लब तो बहारें आईं
खिल गए फूल पड़ी तेरी जहाँ परछाईं
तूने गुलशन मेरा महकाया है
तेरी सूरत ने ...