ना जाने क्यूं हमरे दिल को तुमने दिल नहीं समाझा - The Indic Lyrics Database

ना जाने क्यूं हमरे दिल को तुमने दिल नहीं समाझा

गीतकार - एस एच बिहारी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - | वर्ष - 1966

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न जाने क्यूं हमारे दिल को तुमने दिल नहीं समझा
न जाने क्यूं
( ये शीशा तोड़ डाला )-२ प्यार के क़ाबिल नहीं समझा
न जाने क्यूं( हमारा प्यार देखो और हमारा हौसला देखो )-२
मुहब्बत का जुनूं हमको कहाँ तक ले चला देखो
( तुम्हीं ने जान ले ली )-२ और तुम्हें कातिल नहीं समझा
न जाने क्यूं ...तड़प दी भी तो ऐसी दी के मुश्किल हो गया जीना
चलाये तीर वो तुमने के छलनी हो गया सीना
( और उसपर ये सितम है )-२ के हमें घायल नहीं समझा
न जाने क्यूं ...( मुहब्बत का ये जादू एक दिन सर चढ़ के बोलेगा )-२
हर इक आँधी हर इक तूफ़ान को दामन में ले लेगा
( मुहब्बत ने किसी भी )-२ काम को मुश्किल नहीं समझा
न जाने क्यूं ...