बहे अँखियों से धार - The Indic Lyrics Database

बहे अँखियों से धार

गीतकार - उद्धव कुमार | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - हम लोग | वर्ष - 1951

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बहे अँखियों से धार
जिया मेरा बेक़रार
सुनो सुनो दिलदार
जाओगे कहाँ
दिल तोड़ के
दिल तोड़ के )-2

( ओ साथी मेरी तक़दीर के
तुम्हें कैसे दिखाऊँ दिल चीर के )-2
मेरा पहला-पहला प्यार
मेरी पहली-पहली हार
सुनो सुनो दिलदार
जाओगे कहाँ
दिल तोड़ के
दिल तोड़ के

( मेरी दुनिया तो है बरबाद ही
लेते जाओ तुम अपनी याद भी )-2
लिये अंसुओं के हार
करूँ तुमसे पुकार
सुनो सुनो दिलदार
जाओगे कहाँ
दिल तोड़ के
दिल तोड़ के

जब नज़रें किसी को न पायेंगी
मोसे रतियाँ गुज़ारी न जायेंगी
लेके दिल में इन्तज़ार
कैसे बीतेगी बहार
सुनो सुनो दिलदार
जाओगे कहाँ
दिल तोड़ के
दिल तोड़ के

बहे अँखियों से धार
जिया मेरा बेक़रार
सुनो सुनो दिलदार
जाओगे कहाँ
दिल तोड़ के
दिल तोड़ के$