गीतकार - शैलेंद्र | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सलील चौधरी | फ़िल्म - परख | वर्ष - 1960
View in Romanओ सजना, बरखा बहार आयी
रस की फुहार लायी, अँखियों में प्यार लायी
तुम को पुकारे मेरे मन का पपीहरा
मीठी मीठी अगनी में जले मोरा जियरा
ऐसे रिमझीम में ओ सजन
प्यासे प्यासे मेरे नयन तेरे ही ख्वाब में खो गये
साँवली सलोनी घटा जब जब छायी
अँखियों में रैना गयी, निंदीया ना आयी