लिए सपने निगाहों में जिंदगी आ रह हुं मैं - The Indic Lyrics Database

लिए सपने निगाहों में जिंदगी आ रह हुं मैं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - किशोर कुमार | संगीत - हृदयनाथ मंगेशकर | फ़िल्म - मशाल | वर्ष - 1984

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लिये सपने निगाहों में, चला हूँ तेरी राहों में
ज़िंदगी आ रहा हूँ मैं-२कई यादों के चेहरे हैं, कई किस्से पुराने हैं
तेरी सौ दास्तानें हैं, तेरे कितने फ़साने हैं -२
मगर एक वो कहानी है, जो अब मुझको सुनानी है
ज़िन्दगी आ रहा हूँ मैंमेरे हाथों की गरमी से, पिघल जायेंगी ज़ंजीरें
मेरे कदमों की आहट से, बदल जायेंगी तक़दीरें-२
उम्मीदों के दिये लेकर, ये सब तेरे लिये लेकर
ज़िन्दगी आ रहा हूँ मैंकभी तुझको गिला मुझसे, कभी मुझको शिकायत है
मगर फिर भी तुझे मेरी, मुझे तेरी ज़रूरत है-२
मैं ये इक़रार करता हूँ, मैं तुझसे प्यार करता हूँ
ज़िन्दगी आ रहा हूँ मैं