निंद निगाहों की खो जाति हैं - The Indic Lyrics Database

निंद निगाहों की खो जाति हैं

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - लुटेरा | वर्ष - 1965

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नींद निगाहों की खो जाती है
क्योंकि जवानी में हो जाती है
मोहब्बत -४
और मोहब्बत जो हो जाती है
जान ही जाती है सो जाती है
मोहब्बत -४दुनिया से जुदाई की बातें -२
गुज़री हैं कई ऐसी रातें
जब चाँद सितारे भी सोए रहे
हम उनके ख़्यालों में खोए रहे
हमको जगा के ये सो जाती है
क्योंकि जवानी में ...नज़रों से लपकते हैं शोले -२
जल जाता है दिल हौले-हौले
इकरार करो कि इन्कार करो
चुपचाप रहो कि इज़हार करो
बात ये होनी है हो जाती है
क्योंकि जवानी में ...क़समें ना उठाए ज़माना -२
क्योंकि मुश्किल दामन छुड़ाना
हर एक क़सम देखो टूट गई
ये जो आप ही उनसे रूठ गई
आप मनाने को लो जाती है
क्योंकि जवानी में ...