चुप गये सारे नज़ारे ओए क्या बात हो गई - The Indic Lyrics Database

चुप गये सारे नज़ारे ओए क्या बात हो गई

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत, प्यारेलाल | फ़िल्म - दो रास्ते | वर्ष - 1969

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ल : छुप गये सारे नज़ारे ओये क्या बात हो गई -२
र : तूने काजल लगाया दिन में रात हो गई -२
मिल गये नैना से नैना ओये क्या बात हो गई -२
ल : दिल ने दिल को पुकारा मुलाक़ात हो गई -२र : ( कल नहीं आना
मुझे ना बुलाना
के मारेगा ताना ज़माना ) -२
तेरे होंठों पे रात ये बहाना था
गोरी तुझको तो आज नहीं आना था
तू चली आई दुहाई ओये क्या बात हो गई -२
ल : मैने छोड़ा ज़माना तेरे साथ हो गई
ओ मैने छोड़ा ज़माना तेरे साथ हो गई
र : तूने काजल लगाया दिन में रात हो गईल : ( अम्बुआ की डाली
पे गाये मतवाली
कोयलिया काली निराली ) -२
सावन आने का कुछ मतलब होगा
बादल छाने का कोई सबब होगा
रिमझिम छायेँ घटायेँ ओये क्या बात हो गई -२
र : तेरी चुनरी लहराई बरसात हो गई -२
ल : दिल ने दिल को पुकारा मुलाक़ात हो गईल : ( छोड़ न बइयाँ
पड़ूँ तेरे पइयाँ
तारों की छैंयाँ में सैंयाँ ) -२
र : एक वो दिन था मिलाती न थी तू अँखियाँ
एक ये दिन है तू जागे सारी-सारी रतियाँ
बन गई गोरी चकोरी ओये क्या बात हो गई -२
ल : जिसका डर था बेदर्दी वही बात हो गई
हो जिसका डर था बेदर्दी वही बात हो गई
छुप गये सारे नज़ारे ओये क्या बात हो गई
दो : दिल ने दिल को पुकारा मुलाक़ात हो गई -२