मन काहे घबराई - The Indic Lyrics Database

मन काहे घबराई

गीतकार - जोश मलिहाबादी | गायक - सितारा कानपुरी | संगीत - NA | फ़िल्म - मन की जीत | वर्ष - 1944

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मनवा काहे फिर तड़पाये

मनवा काहे फिर तड़पाये

भूल गयी थी जो बरसातें

चाँदनी रातें प्यार की बातें

अब क्यूँ रह रह कर है मन को

उनकी याद साताये

जाग उठे क्यूँ नींद के बातें ?

काहे रे स्वपने ? रिश्ते नाते

छोड़ चुकी थी जिस जीवन को

काहे याद में आये

मनवा काहे फिर तड़पाये

याद किसी की दिल में आयी

नैनन ने फिर झड़ी लगायी

मन का पंछी क्यूँ मन में है

भूले राग सुनाये मनवा

मनवा काहे फिर तड़पाये