बहारें आएँगी होंठों पे फूल खिलेंगे - The Indic Lyrics Database

बहारें आएँगी होंठों पे फूल खिलेंगे

गीतकार - गोपाल सिंह नेपाली | गायक - रफ़ी, आशा | संगीत - चित्रगुप्त | फ़िल्म - नवरात्रि | वर्ष - 1955

View in Roman

बहारें आएँगी होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था हम-तुम मिलेंगे

छिटकेगी चाँदनी सजेगा साज प्यार का बजेगी पैंजनी
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
सितारों को मालूम था ...

मिला के नैन हम-तुम दो हो गए
अजी हम पलकें उठाते ही खो गए
नैन चुराएँगे जिया निछावर करेंगे

कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बिछड़ने से पहले हम अपनी जान दे देंगे$