तुम भी कुबासुरत हो दिल भी कुबासुरत हैं - The Indic Lyrics Database

तुम भी कुबासुरत हो दिल भी कुबासुरत हैं

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - रूठा ना करो | वर्ष - 1970

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तुम भी ख़ूबसूरत हो दिल भी ख़ूबसूरत है -२
इसलिए सब हसीनों में तुमसे मुझे मोहब्बत है
तुम भी ख़ूबसूरत ...जब भी गुस्सा करती हो कुछ और भी अच्छी लगती हो
चूड़ी के ये साज बजाकर और गज़ब कर जाती हो ओ
इन थिरकते क़दमों में नाचती क़यामत है -२
इसलिए सब हसीनों में ...चेहरे पर यूँ लट है जैसे चाँद के मुख पर बादल हो
काजल है इन आँखों में -२ या मयखाने में बोतल हो
गोरी हसीन बाहों में ज़िन्दगी की राहत है
इसलिए सब हसीनों में ...