वो ज़माना और था - The Indic Lyrics Database

वो ज़माना और था

गीतकार - अज़ीज़ कश्मीरी | गायक - ख़ान मस्ताना, मोहॅमेड रफ़ी | संगीत - विनोद | फ़िल्म - आग का दरिया | वर्ष - 1953

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वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
आ आ आ
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
एजी वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
ऐसा क्या
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है

औरतें भी गीत आज़ादी के
अब गाने लगीं हैं
गीत अब गाने लगीं
हो गीत अब गाने लगीं
सुर्खी पाउडर लगा कर
ऐ जी
सुर्खी पाउडर लगा कर
ा हां
खूब इतराने लगीं
ऐ जी खूब इतराने लगीं
लो जी लो
खूब इतराने लगीं
आ आ आ आ
आ आ आ आ आ
जब किसी बूढे ने
समझाया तो ये गाने लगीं क्या
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
आ आ आ आह
आ आ आ आ
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
आ आ आ आ
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है

मुर्ग़े दिल मत रो
यहां तसवें बहाना है मन
तसवें बहाना है मन
तसवें बहाना है मन
आग जिस घर में लगे
उसको बुझाना है मन
आग जिस घर में लगे
उसको बुझाना है मन
लालाजी कहते हैं ऐन
अरे
लालजी कहते हैं के
नलके पे नहाना है मना
अब तो लाला जी को
ये डटकर
सुनाना और है
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
आ आ आ
आ आ आ
ा ा ा हाय
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है एजी एजी
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है
वो ज़माना और था
और ये ज़माना और है.