भीड़ में तनहाई में - The Indic Lyrics Database

भीड़ में तनहाई में

गीतकार - समीर | गायक - उदित नारायण - श्रेया घोषाल | संगीत - नदीम-श्रवण | फ़िल्म - तुमसा नहीं देखा | वर्ष - 2004

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भीड़ में तनहाई में
प्यास की गहराई में
दर्द में रुसवाई में
मुझे तुम याद आते हो
गीत में शहनाई में
ख़्वाब में पुरवाई में
धुप में परछाई में
मुझे तुम याद आते हो
तेरी चाहतें मेरी ज़िन्दगी
तेरे प्यार को मैं भुला ना सकूँ
करुँ कोशिशें भले रात दिन
तेरे अक्स को मैं मिटा ना सकूँ
प्यास की गहराई में
भीड़ में तनहाई में
दर्द में रुसवाई में
मुझे तुम याद आते हो
कभी ख़्वाब में सोचा ना था
जीना पडेगा तुझे छोड़ के
सनम जो तेरा इशारा मिले
चली आऊँ सारी क़सम तोड़ के
ज़ुल्फ़ की रानाई में
भीड़ में तनहाई में
दर्द में रुसवाई में
मुझे तुम याद आते हो