मेरा जीवन साथी बिछड़ गया - The Indic Lyrics Database

मेरा जीवन साथी बिछड़ गया

गीतकार - शकील | गायक - तलत | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - बाबुल | वर्ष - 1950

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ज़माने में खुशी के साथ, लाखों ग़म भी होते हैं
जहाँ शहनाई बजती हैं, वहाँ मातम भी होते हैं
मेरा जीवन साथी बिछड़ गया, लो खतम कहानी हो गई
लो खतम कहानी हो गई
(क़िस्मत ने किये जो दिल पे सितम
दो चाहने वाले मिल न सके )
कहने को बहार आई थी मगर
दो फूल खुशी के खिल न सके
अरमानों का गुलशन उजड़ गया
बरबाद जवानी हो गई
लो खतम कहानी हो गई
(दिल देके यहाँ सब हार गए
दुनिया में हमारी जीत कहाँ )
होठों पे हैं शिकवे क़िस्मत के
वो प्यार भरे अब गीत कहाँ
जब खेल ही दिल का बिगड़ गया
हर बात पुरानी हो गई
लो खतम कहानी हो गई