ले चल री निंदिया - The Indic Lyrics Database

ले चल री निंदिया

गीतकार - प्रदीप | गायक - लता | संगीत - रोशन | फ़िल्म - बाप बेटी | वर्ष - 1954

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ले चल री निंदिया ले चल हमें चट
चंदा मामा के घर उड़न खटोले पर
हो
हमें ले जा वहाँ जहाँ दुल्हन न पाती
झिलमिल झरोखे से झाँकती
जहाँ ऊँची अटरिया पे बैठ चंदनिया
तारे चुंदरिया में टाँकती
जहाँ परियों की छोरियाँ गा गाके लोरियाँ
दुनिया पे डाल रहीं जादू की डोरियाँ
छुमक छुमक एरी छुमक छुमक
सपनों की शहज़ादियाँ जहाँ ठुमकत हैं रात भर
ले चल री निंदिया
बादलों से दूर घटाओं के पार
इक चमचमाता नगर है
लाख-लाख दीपों के टिम-टिम दीवाले से
जगमग जहाँ हर डगर है
बादलों से दूर घटाओं के पार
इक चमचमाता नगर है
जहाँ हीरों के पर्बत पे अमृत के झरने
झरते हैं आठों पहर
ले चल री निंदिया