वो तिर कालेजे पर इक शोक ने मारा हैं - The Indic Lyrics Database

वो तिर कालेजे पर इक शोक ने मारा हैं

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - बुलो सी रानी | फ़िल्म - अंजुमन | वर्ष - 1948

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वो तीर कलेजे पर इक शोख़ ने मारा है
हर दर्द में तस्क़ीं है हर ग़म हमें प्यारा हैवह जिनके तसव्वुर से रोशन है मेरी दुनिया
है चाँद ख़्यालों का आँखों का सितारा हैदामन को बचा लेना यह काम है दुनिया का
हम दिल को जला देंगे यह काम हमारा हैअल्लाह हैं वह नज़रें अब जिनके इशारे पर
जीना भी गवारा है मरना भी गवारा है