रुत बरखा की आई - The Indic Lyrics Database

रुत बरखा की आई

गीतकार - अज़ीज़ कश्मीरी | गायक - आशा भोसले, सुलोचना कदम | संगीत - विनोद | फ़िल्म - आग का दरिया | वर्ष - 1953

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रुत बरखा की ायी
रुत बरखा की ायी कोयलिया कुकु उठी
हाय कोयलिया कुकु उठी
हाय मेरे मन हुकु उठि
रुत बरखा की ायी कोयलिया कुकु उठी
हाय कोयलिया कुकु उठी
हाय मेरे मन हुकु उठि

सब सखियों ने झूले डाले
सब सखियों ने झूले डाले
मेरे मन में उठे उछाले
मेरे मन में उठे उछाले
नैन मेरी अब देख रहे राह तेरी
नैन मेरी अब देख रहे राह तेरी
मेरी जान दुःखो ने घेरी सुनो बलमा
मेरी जान दुःखो ने घेरी सुनो बलमा
हाय रुत बरखा की ायी
हाय रुत बरखा की ायी
कोयलिया कुकु उठी
हाय कोयलिया कुकु उठी
हाय मेरे मन हुकु उठि

बुँदे बरसे नैना बरसे
बुँदे बरसे नैना बरसे
अंखिया पि के मुख को तरसे
अंखिया पि के मुख को तरसे
आ बालमा बिन पूछे मेरे मन में
आ बालमा बिन पूछे मेरे मन में
है जान पड़ी उलझन में सुणो बलमा
है जान पड़ी उलझन में सुणो बलमा
हाय रुत बरखा की ायी
हाय रुत बरखा की ायी
कोयलिया कुकु उठी
हाय कोयलिया कुकु उठी
हाय मेरे मन हुकु उठि
रुत बरखा की ायी.