जाने कब अंजाने तुमसे मुहब्बत करने लगे हम - The Indic Lyrics Database

जाने कब अंजाने तुमसे मुहब्बत करने लगे हम

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, कविता कृष्णमूर्ति | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - कहता है दिल बार बार | वर्ष - 2002

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जाने कब अन्जाने तुमसे मुहब्बत करने लगे हम
पागल दिल धड़का तो इस चेहरे पे मरने लगे हम
ऐसी मुलाकातों से मीठी मीठी बातों से
हो चैन कहीं तो खोने लगा है
जाने कब अन्जाने ...इस धड़कन की तन्हाईयों को तुम जो मिले
इन पलकों में दीवाने दिल के सपनें खिले
तेरी इस खुमारी का ऐसी बेकरारी का
जान-ए-मन जान-ए-जां दर्द नया है
जाने कब अन्जाने ...इस दुनिया की नज़रें बचा कर चल दें वहाँ
जहाँ हम तुम हों सपनों में ग़ुम हों झूमे समां
दिन हो या रातें हों अपनी ही बातें हों
हो यही तेरे मेरे दिल की सदा है
जाने कब अन्जाने ...