झूमती घटा में चांद देखो छुप गया - The Indic Lyrics Database

झूमती घटा में चांद देखो छुप गया

गीतकार - महबूब | गायक - मोहम्मद सलामत | संगीत - इस्माइल दरबार | फ़िल्म - शक्ति द पावर | वर्ष - 2002

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झूमती घटा में
ओ झूमती घटा में चाँद देखो छुप गया
हाय मारे शरम के
पा ही ना सका हुस्न तेरे जैसा कभी भी वो
कसम से कसम से
हो झूमती घटा में ...आसमां पे थोड़ी देर को ही
अपने रंग दिखाती वो धनक है
उस को शायद ऐसा ही लगे है
सारे रंगों पे हाँ रंगों पे
सारे रंगों पे उस का हक़ है
तुझ पे जब पड़े नज़र वो छुप ही जाती है
हाय मारे शरम के
पा ही ना सकी रंग तेरे जैसा कभी भी वो
कसम से कसम से
झूमती घटा में ...शोर यूँ मचाती हैं ये लहरें
जोश यूँ दिखाता है समंदर
उस को यूँ लगे है गहराई
जैसे छुपी है हाँ छुपी है
जैसे छुपी है बस उस के अंदर
जब तेरी नज़र पड़े वो थम ही जाता है
हाय मारे शरम के
पा ही ना सका गहराई तेरी आँखों सी वो
कसम से कसम से
हो झूमती घटा में ...