सांझ की बेला जिया अकेला - The Indic Lyrics Database

सांझ की बेला जिया अकेला

गीतकार - भरत व्यास | गायक - उमा देवी, मोती | संगीत - एस राजेश्वर राव | फ़िल्म - चंद्रलेखा | वर्ष - 1948

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उ : ओ
साँझ की बेला
साँझ की बेला जिया अकेला
गुन-गुन-गुन क्या गाये -२
मैं खड़ी अकेली -२
याद किसी की आये आये आयेसाँझ की बेला
साँझ की बेला जिया अकेला
गुन-गुन-गुन क्या गाये
मैं खड़ी अकेली
याद किसी की आये आये आयेसाँझ की बेला -२( बाग़ में भँवरे झूम रहे हैं
झूम रहे हैं ) -२
कलियों के मुँह चूम रहे हैं
चूम रहे हैं
मोरे भँवरे आ जा आ जा रे -२
ये कली तेरी कुम्हलाये -२
हाय हायसाँझ की बेलाअब न पिया मुझको तरसावो आवो -२
प्रेम सुधा बरसाओ आवो -२
प्रान पपीहा
( प्रान पपीहा
पिया-पिया कर ) -२
प्रीतम तुझे बुलायेमो : आ
के जिसे ढूँढते फिरते थे मोरे नैना
मोरे नैना
वो यहाँ छुपी है मोरे मन की मैना
मैना
उ : ( हम रूठ गये कुछ भी ना बात करेंगे
बात करेंगे ) -२
मो : ( हम रूठने वालों के नखरे भी सहेंगे
सहेंगे ) -२
उ : तुम प्यार भरे नैनों से हमें लुभाये
मो : कोई प्यार भरे हिरदय में हमें बसाये
उ : ए ए ए
दो : ए ए ए