क़िस्मत से तुम हमको मिले हो - The Indic Lyrics Database

क़िस्मत से तुम हमको मिले हो

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - सोनू निगम - अनुराधा पौडवाल | संगीत - ए.आर.रहमान | फ़िल्म - पुकार | वर्ष - 2000

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क़िस्मत से तुम हमको मिले हो कैसे छोड़ेंगे
ये हाथ हम ना छोड़ेंगे
फिर से बनती तक़दीरों को
अरमानों की ज़ंजीरों को
जानम अब ना तोड़ेंगे
क्या कहूँ कैसे लगते हैं दिल पे ज़ुल्फ़ों के साए
कोई भूला राही जैसे मंज़िल पा जाए
या कोई दिल तूफ़ान का मारा दर्द की लहरों में आवारा
कोई प्यारा प्यार का साहिल पा जाए
क़िस्मत से तुम हमको मिले हो कैसे छोड़ेंगे
ये हाथ हम ना छोड़ेंगे
टुकड़े दिल के हम तुम मिलके फिर से जोड़ेंगे
ये शीशा फिर से जोड़ेंगे
फिर से बनती तक़दीरों को
अरमानों की ज़ंजीरों को
जानम अब ना तोड़ेंगे
यूँ शरमाती यूँ घबराती ऐसे सिमटी सिमटाई
ओ मेरे बालम यूँ ही नहीं मैं जाते जाते लौट आयी
प्रीत मेरी पहचानी तूने
मेरी कदर तो जानी तूने
अब दिल जागा होश में चाहत अब आई
क़िस्मत से तुम हमको मिले हो कैसे छोड़ेंगे
ये हाथ हम ना छोड़ेंगे
टुकड़े दिल के हम तुम मिलके फिर से जोड़ेंगे
ये शीशा फिर से जोड़ेंगे
फिर से बनती तक़दीरों को
अरमानों की ज़ंजीरों को
जानम अब ना तोड़ेंगे