ये जिंदगी के मेले दुनिया में कम ना होंगे - The Indic Lyrics Database

ये जिंदगी के मेले दुनिया में कम ना होंगे

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - मेला | वर्ष - 1948

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(ये ज़िंदगी के मेले-२), दुनिया में कम न होंगे
अफ़सोस हम न होंगेइक दिन पड़ेगा जाना, क्या वक़्त, क्या ज़माना
कोई न साथ देगा, सब कुछ यहीं रहेगा
जाएंगे हम अकेले, ये ज़िंदगी ...दुनिया है मौज-ए-दरिया, क़तरे की ज़िंदगी क्या
पानी में मिल के पानी, अंजाम ये के पानी
दम भर को सांस ले ले, ये ज़िंदगी ...होंगी यही बहारें, उल्फ़त की यादगारें
बिगड़ेगी और चलेगी, दुनिया यही रहेगी
होंगे यही झमेले, ये ज़िंदगी ...