ज़िंदगी को संवरना होगा: - The Indic Lyrics Database

ज़िंदगी को संवरना होगा:

गीतकार - डॉ राही मासूम रज़ा | गायक - येसुदास | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - आलाप | वर्ष - 1977

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ज़िंदगी को सँवारना होगा
दिल में सूरज उतारना होगाज़िंदगी रात नहीं रात की तसवीर नहीं
ज़िंदगी सिर्फ़ किसी ज़ुल्फ़ की ज़ंजीर नहीं
ज़िंदगी बस कोई बिगड़ी तक़दीर नहीं
ज़िंदगी को निखारना होगा
ज़िंदगी को सँवारना होगा ...ज़िंदगी धूप नहीं साअया-ए-दीवार भी है
ज़िंदगी ज़ार नहीं, ज़िंदगी दिलदार भी है
ज़िंदगी प्यार भी है, प्यार का इक़रार भी है
ज़िंदगी को उभारना होगा
ज़िंदगी को सँवारना होगा ...