के इक पल रुक जाना सरकार: - The Indic Lyrics Database

के इक पल रुक जाना सरकार:

गीतकार - अजीज कश्मीरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - श्यामसुंदर | फ़िल्म - ढोलक | वर्ष - 1951

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र : इक पल रुक जाना सरकार
न मारो दो नैनों के वार
कि इक पल रुक जाना सरकार
ल : इक पल हट जाना सरकार
झूठे तुम हो तुम्हारा प्यार
कि इक पल हट जाना सरकारर : कित चले हमें तड़ापा के इक रंग नया दिखला के
कि इक पल रुक जाना सरकार
न मारो दो नैनों की मार
कि इक पल रुक जाना
ल : इक पल हट जाना सरकार
झूठे तुम हो तुम्हारा प्यार
कि इक पल हट जाना सरकारओ
अब और सहारा ढूँढे चल कर नया दियारा ढूँढे
कि अब तो हो गये हैं बेकार माँगे चल कर कहीं उधार
इक पल हट जाना सरकार
झूठे तुम हो तुम्हारा प्यार
कि इक पल हट जाना
र : इक पल रुक जाना सरकार
न मारो दो नैनों के वार
कि इक पल रुक जानाये दिल फटनए की बाते हम से दूर हटने की बातें
कि इक पल रुक जाना सरकार
न मारो दो नैनों की मार
कि इक पल रुक जाना
ल : इक पल हट जाना सरकार
झूठे तुम हो तुम्हारा प्यार
कि इक पल हट जानाओ~
दिल फट गया है तो सी लो चाहे मर जाओ या जी लो
कि इक पल हट जाना सरकार
झूठे तुम हो तुम्हारा प्यार
कि इक पल हट जाना
र : कि इक पल रुक जाना सरकार
न मारो दो नैनों की मार
कि इक पल रुक जाना