इक तेरा सहारा: - The Indic Lyrics Database

इक तेरा सहारा:

गीतकार - | गायक - शमशाद बेगम | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - शाम | वर्ष - 1946

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इक तेरा सहारा, इक तेरा सहारा
दिल तोड़ के दुनिया से किया हम ने किनाराशिक़वा है किसी का न शिकायत है किसी से
फ़रियाद है इक टूटे हुए दिल की तुझी से
होता नहीं बरबाद कोई अपनी खुसी से
बिगड़ी हुई तक़दीर पे क्या ज़ोर हमारादुनिया में नहीं कोई जिसे हाल सुनायें
आँसू किसे हम रोते हुए दिल के दिखायें
बरबाद हैं बेक़स हैं बता अब कहाँ जायें
बेदर्द ज़माने में नहीं कोई हमाराक्यों ख़ून गरीबों का बहाती है ख़ुदाई
अल्लाह दुहाई है दुहाई है दुहाई
कब तक ये सितम और ये दर दर की गदाई??
मिलता नहीं दो दिन के लिये भी तो सहराक़िसमत ही अब तो हाय हमारी बिगड़ गयी
दिल की बसी बसाई ये दुनिया उजड़ गयी
दौलत जो थी हमारी वो हम से बिछड़ गयी
काली घटा में छुप गया तक़दीर का ताराहै तेरे सिवा कौन जो इस दिल को मनाये
जो दाग़ जिगर के हैं उन्हें फूल बनाये
है कौन कि कांटों से जो दामन को छुड़ाये
उलझा है तेरे होते हुए जो आज दुबाराइक तेरे सहारा, इक तेर सहारा ...