धिरे धिरे गम का ज़माना गया: - The Indic Lyrics Database

धिरे धिरे गम का ज़माना गया:

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर, सहगान | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - खजाना | वर्ष - 1951

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को: ( धीरे धीरे
धीरे धीरे -२
धीरे धीरे
ग़म का ज़माना गया वो ग़म का ज़माना ) -३ल: आ धीरे धीरे -२ ग़म का ज़माना गया
हौले हौले -२ समाँ सुहाना आया
को: आल: ( अंखियों ने देखे मीठे सपने
दिल ने कहा आये दिन अब अपने ) -२
ठण्डी हवायें मस्त घटायें
को: झूम के आयें गीत गायें -२
ल: ठण्डी हवायें मस्त घटायें
खिल खिल -२ गईं कलियाँ
को: खिलीं कलियाँ कलियाँ
ल: हँसना हँसाना आया
को: आ
धीरे धीरे -२ ग़म का ज़माना गया
हौले हौले -२ समाँ सुहाना आया
को: आल: ( हँसती लागेंगी अब रतियाँ
होंगी सजन से मन की बतियाँ ) -२
बाँहों में डालेंगे बाँहें
प्यार की होंगी राहें
मिल मिल -२ गये हम तुम
को: मिले हम तुम हम तुम
ल: नया ज़माना आया
को: आ
धीरे धीरे -२ ग़म का ज़माना गया
हौले हौले -२ समाँ सुहाना आयाल: आ
को: ( धीरे धीरे
धीरे धीरे -२
धीरे धीरे
ग़म का ज़माना गया वो ग़म का ज़माना ) -३