लगी है आग सी हर मौज - The Indic Lyrics Database

लगी है आग सी हर मौज

गीतकार - अख्तर रोमानी | गायक - मुकेश, आशा | संगीत - उषा खन्ना | फ़िल्म - इंसाफ | वर्ष - 1956

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लगी है आग सी हर मौज की रवानी में
मचल रही है कोई नाज़नीं पानी में
ये तूने क्या कहा
कहा होगा
ये मैने क्या सुना
सुना होगा
अरे ये दिल गया
गया होगा
ये तूने क्या कहा
कहा होगा
ये मैने क्या सुना
सुना होगा
अरे ये दिल गया
गया होगा
ये तूने क्या कहा
छम से बहार आई जान-ए-वफ़ा आज ( तेरे साथ )
प्यार ले अंगड़ाई छाया नशा थाम ( मेरा हाथ )
दूर न जाना करके बहाना ( मेरे सनम तू )
ये तूने क्या कहा
बनके लहर झूमे आज मेरा प्यार ( तेरे साथ )
ज़ुल्फ़ तेरी चूमे काली घटा जैसे ( मेरे साथ )
भूल न जाना दिल का फ़साना ( मेरे सनम तू )
ये तूने क्या कहा