ऐ चंद ना इताराना आटे हैं मेरे सजना - The Indic Lyrics Database

ऐ चंद ना इताराना आटे हैं मेरे सजना

गीतकार - भरत व्यास | गायक - सितारा कानपुरी | संगीत - एस के पाल | फ़िल्म - मन की जीत | वर्ष - 1944

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ऐ चाँद
ऐ चाँद न इतराना
ऐ चाँद न इतराना, आते हैं मेरे सजन
आते हैं मेरे सजन, सजन
आते हैं मेरे सजन
सजन से छिप जाना
ऐ चाँद न इतरानातू तेरा गोरा बदन, मेरे गोरे सजन
साजन से न बाज़ी लगाना
कौन सुन्दर है बोल मेरे प्रीतम या तू
है हमको यही आज़माना
ऐ चाँद न इतरानासुन अपनी कहानी मेरी ज़बानी
अपनी कहानी मेरी ज़बानी
इसको न तुम भूल जाना
जब ईश्वर ने दोनों का करने वजन -२
दो पलड़ों में दोनों को डाला
एक पलड़े में तू, दूजे में सजन -२
तराज़ू को ज्यूँही उठाया
तराज़ू को ज्यूँही उठाया
जो हल्का था वो उठ गया ऊपर -२
जो भारी था वो नीचे आया
हाँ जो भारी था वो नीचे आया
वो मेरा है चाँद, सुन्दर है चाँद
वो मेरा है चाँद, तू जो सुन्दर है चाँद
तू मन ही में न भूल जानाऐ चाँद न इतराना
आते हैं मेरे सजन
आते हैं मेरे सजन सजन
आते हैं मेरे सजन
सजन से छिप जाना
ऐ चाँद