लगी है आग दिल में - The Indic Lyrics Database

लगी है आग दिल में

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - रफ़ी, लता | संगीत - मोहम्मद शफी | फ़िल्म - हलचल | वर्ष - 1951

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लगी है आग दिल में आँख से आँसू बरसते हैं
बनी है जान पर हम तुमसे मिलने को तरसते हैं
क़िस्मत के सितारे डूब गए हाय मिलने का सहारा कोई नहीं
तुम हमसे जुदा हम तुमसे जुदा
दुनिया में हमारा कोई नहीं
उल्फ़त का ज़माना बीत गया
हम हार गए जग जीत गया हाय जीत गया
जीने का सहारा कोई नहीं
अब बीती हुई यादों के सिवा
छाया है अँधेरा आ जाओ
तुम लेके सवेरा आ जाओ हाय आ जाओ
रातें हैं अँधेरी उल्फ़त की
उम्मीद का तारा कोई नहीं