घबरा के जो हम सर को टकराएं तो अच्छा हो - The Indic Lyrics Database

घबरा के जो हम सर को टकराएं तो अच्छा हो

गीतकार - नक्षबी | गायक - राजकुमारी | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - महल | वर्ष - 1949

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घबरा के जो हम सर को टकराएं तो अच्छा हो
इस जीने में सौ दुख हैं मर जाएं तो अच्छा होदिल डूबने का मंज़र वो भी तो ज़रा देखें
आँसू मेरी आँखों में भर आएं तो अच्छा होजो हम पे गुज़रनी है इक बार गुज़र जाए
वो कितने सितमगर है खुल जाए तो अच्छा हो