ये महफिल युं हि सजेगी - The Indic Lyrics Database

ये महफिल युं हि सजेगी

गीतकार - इन्दीवर | गायक - किशोर कुमार | संगीत - सपन-जगमोहन | फ़िल्म - आज की धारा | वर्ष - 1977

View in Roman

येह मेहफ़िल यूँ ही सजेगी
येह दुनियां यूँ ही चलेगीयेह मेहफ़िल यूँ ही सजेगी
येह दुनियां यूँ ही चलेगी
जो धड़कन किसी की रुके तुम रुको नायेह मेहफ़िल यूँ ही सजेगी
येह दुनियां यूँ ही चलेगीतारा टूटे कोई अगर अम्बर ख़्हाली ना होगा
तारा टूटे कोई अगर अम्बर ख़्हाली ना होगा
रोशन अपनी रात करो सोचो ना तुम कब क्या होगा
येह क्यों घर जला है किसी का ना पूछो तुममेहफ़िल यूँ ही सजेगी
दुनियां यूँ ही चलेगीअपनी उलझन क्या कम है औरों का ग़म कोई क्या बाँटे
अपनी उलझन क्या कम है औरों का ग़म कोई क्या बाँटे
कलियाँ कलियाँ चुन लो तुम रेहने दो गुलशन मेइन काँटे
जो हो चाक़ दामन किसी का ना देखो तुममेहफ़िल यूँ ही सजेगी
दुनियां यूँ ही चलेगीयेह मेहफ़िल यूँ ही सजेगी
येह दुनियां यूँ ही चलेगी
जो धड़कन किसी की रुके तुम रुको नायेह मेहफ़िल यूँ ही सजेगी
येह दुनियां यूँ ही चलेगी