मुहब्बत में सारा जहाँ जल रह हैं - The Indic Lyrics Database

मुहब्बत में सारा जहाँ जल रह हैं

गीतकार - शम्स लखनविक | गायक - खुर्शीद | संगीत - खेमचंद प्रकाश | फ़िल्म - शहंशाह बाबर | वर्ष - 1944

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मुहब्बत में सारा जहाँ जल रहा है
ज़मीं तो ज़मीं आसमाँ जल रहा हैवहाँ रोशनी देखने को है दुनिया
हमारा यहाँ आशियाँ जल रहा हैजिगर फुँक रहा है निकलते हैं आँसू
बरसता है पानी मकाँ जल रहा है