ढोल सजना ढोल जानी तू भी आजा के आ गई रुत मस्तानी - The Indic Lyrics Database

ढोल सजना ढोल जानी तू भी आजा के आ गई रुत मस्तानी

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - मर्यादा | वर्ष - 1971

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रफ़ी: तू भी आजा के आ गई रुत मस्तानी )
ओ ढोल सजना, ढोल जानी )-२
मेरी गली आ, तेरी महरबानी )लता: ओ ...
तेरे बिन सूनी-सूनी है शाम सुहानी
ओ ढोल सजना, ढोल जानी
मेरी गली आ, तेरी महरबानीरफ़ी: कहनी हैं सुननी हैं कितनी ही बातें-२
थोड़े-से दिन हैं ये, थोड़ी-सी रातें
हो ... ऐसा ना हो ...
के ऐसा ना हो गुजर जाए यूँही जवानी
ओ ढोल सजना ढोल जानी
मेरी गली आ तेरी महरबानी
लता: तेरे बिन सूनी-सूनी है शाम सुहानी
ओ ढोल सजना ढोल जानी
मेरी गली आ तेरी महरबानीलता: लाज-सरम से मैं तो मरी-मरी जाऊँ-२
राह चलत मैं तो डरी-डरी जाऊँ
ओ ... ऐसा लागे ...
ऐसा लागे मैं हो गई प्रेम-दिवानी
ओ ढोल सजना ढोल जानी
मेरी गली आ तेरी महरबानी
रफ़ी: हो तू भी आजा के आ गई रुत मस्तानीदोनों: ओ ढोल सजना ढोल जानी
मेरी गली आ तेरी महरबानीSolo Version
लता:तू भी आजा के आ गई रुत मस्तानी
ओ ढोल सजना, ढोल जानी )-२
मेरी गली आ, तेरी महरबानी )रोग जुदाई का क्युं जी को लगाया
आने का वादा किया काहे न आया
हो, छाई बनके बदरीया प्रेएत पुरनीओ ढोल सजना, ढोल जानी )-२
मेरी गली आ, तेरी महरबानी )