हमन और जिने की चाहत ना होती अगर तुम ना होते - The Indic Lyrics Database

हमन और जिने की चाहत ना होती अगर तुम ना होते

गीतकार - गुलशन बावरा | गायक - लता मंगेशकर, किशोर कुमार | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - अगर तुम ना होते | वर्ष - 1983

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हमें और जीने की चाहत न होती
अगर तुम न होते, अगर तुम न होते(तुम्हें देखके तो लगता है ऐसे
बहारों का मौसम आया हो जैसे-२)
दिखाई न देती अंधेरों में ज्योती
अगर तुम न होते, अगर तुम न होते(हमें जो तुम्हारा इशारा न मिलता
भंवर में ही रहते किनारा न मिलता-२)
किनारे पे भी तो लहर आ डुबोती
अगर तुम न होते, अगर तुम न होतेतुम्हें क्या बताऊं के तुम मेरे क्या हो
मेरी ज़िंदगी का तुम ही आसरा हो
मैं आशा कि लड़ियां, न रह रह पिरोती
अगर तुम न होते, अगर तुम न होतेहर इक ग़म तुम्हारा सहेंगे खुशी से
करेंगे न शिकवा कभी भी किसी से
जहाँ मुझ पे हंसता, खुशी मुझपे रोती
अगर तुम न होते, अगर तुम न होतेन जाने जो दिल से ये आवाज़ आई
मिलन से है बढ़के तुम्हारी जुदाई
ये आँखों के आँसू, न कहलाते मोती
अगर तुम न होते, अगर तुम न होते