बहाए चाँद ने आँसू, ज़माना चाँदनी समझा - The Indic Lyrics Database

बहाए चाँद ने आँसू, ज़माना चाँदनी समझा

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - हेमंत | संगीत - हेमंत कुमार | फ़िल्म - लगन | वर्ष - 1955

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बहाए चाँद ने आँसू, ज़माना चाँदनी समझा-2
किसी के दिल से हूक उठी, तो कोई रागिनी समझा-2

छुपाया किस तरह ग़म को, ज़माने की निगाहों से-2
ज़माने की निगाहों से
मेरा ग़म देखने वाला, मेरे ग़म को खुशी समझा
बहाए चाँद ने ...

चमन को छोड़कर मैंने, गुज़ारी ज़िंदगी ऐसे-2
गुज़ारी ज़िंदगी ऐसे
के जो काँटा नज़र आया, उसी को मैं कली समझा
बहाए चाँद ने ...$