एक वो भी दीवाली थी एक ये भी दीवाली है - The Indic Lyrics Database

एक वो भी दीवाली थी एक ये भी दीवाली है

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर, मुकेश | संगीत - रवि | फ़िल्म - नज़राना | वर्ष - 1961

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(एक वो भी दिवाली थी, एक ये भी दिवाली है
उजड़ा हुआ गुलशन है, रोता हुआ माली है) २(बाहर तो उजाला है मगर दिल में अँधेरा
समझो ना इसे रात, ये है ग़म का सवेरा) २
क्या दीप जलायें हम तक़दीर ही काली है
उजड़ा हुआ गुलशन है, रोता हुआ माली है(ऐसे न कभी दीप किसी दिल का बुझा हो
मैं तो वो मुसाफ़िर हूँ जो रस्ते में लुटा हो) २
ऐ मौत तू ही आ जा दिल तेरा सवाली है
उजड़ा हुआ गुलशन है, रोता हुआ माली है(एक वो भी दिवाली थी, एक ये भी दिवाली है
उजड़ा हुआ गुलशन है, रोता हुआ माली है) २( मेले हैं चिराग़ों के
रंगीन दीवाली है
महका हुआ गुलशन है
हँसता हुआ माली है ) -२( इस रात कोई देखे
धरती के नज़ारों को
शरमाते हैं ये दीपक
आकाश के तारों को ) -२
इस रात का क्या कहना -२
ये रात निराली हैमहका हुआ गुलशन है
हँसता हुआ माली हैमेले हैं चिराग़ों के
रंगीन दीवाली है
महका हुआ गुलशन है
हँसता हुआ माली है( खा जाये नज़र धोखा
जुगनू हैं या फुलझड़ियाँ
( बारात है तारों की
या रंग भरी लड़ियाँ )-२
होंठों पे तराने हैं -२
बजती हुई ताली हैमहका हुआ गुलशन है
हँसता हुआ माली हैमेले हैं चिराग़ों के
रंगीन दीवाली है
महका हुआ गुलशन है
हँसता हुआ माली है