मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ - The Indic Lyrics Database

मैं ज़िंदगी में हरदम रोता ही रहा हूँ

गीतकार - हसरत | गायक - रफी | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - बरसात | वर्ष - 1949

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मन से चिंता की घटा दूर हो जा

मन से चिंता की घटा दूर हो जा

अंग अंग में उमंग नाच उठी

मन में कोई तरंग जाग उठी

आँखों में सुन्दर संसार बसा

मन से चिन्ता की घटा

आशा की क्यारी में फूल खिले

दो कोमल प्राणों के तार मिले

डाली पे दो कोमल पात हिले

जीवन में नया नया प्यार हँसा

मन से चिन्ता की घटा

दूर देश से आईं काली घटाएँ

बरसें, एक नया गीत सुनाये

दुख के है सागर में सुख का संसार छुपा