कैसे भाये सखी रुत सावन की - The Indic Lyrics Database

कैसे भाये सखी रुत सावन की

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - पहली झलक | वर्ष - 1954

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(कैसे भाये सखी रुत सावन की)-२
(पिया भेजी ना पतियां आवन की)-२
(कैसे भाये सखी रुत सावन की)-२(चम चम चम चम बरसत बदरा)-२
रोये रोये नैनों से बह गया कजरा
(आग लगे ऐसे सावन को)-२
जान जलावे जो विरहं की
(कैसे भाये सखी रुत सावन की)-२धुन बन्सी की सावनिया गाये
आ~ सावनिया गाये
धुन बंसी की सावनिया गाये
घायल मन सुन धूत ? जाये
(बनके अगन अँखियं में भड़के)-२
आस लगी पिया दरशन की
(कैसे भाये सखी रुत सावन की)-२
(पिया भेजी ना पतियां आवन की)-२
(कैसे भाये सखी रुत)-२
म म रे स, नि स रे नि ध नि ध नि स
म प द नि स, रे स रे नि स ध नि प
म रे प ग म रे स, प म रे प म नि द स
म प द नि स, नि नि प म ग म रि स नि स
प म ग म रे स नि स
प म ग म रे स नि स
प म ग म रे स नि स
सावन की
कैसे भाये सखी रुत आ~ सावन की