अंखियों पुरुषों छोटे छोटे सपने सजायके - The Indic Lyrics Database

अंखियों पुरुषों छोटे छोटे सपने सजायके

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - आर डी बर्मन | फ़िल्म - नौकरी | वर्ष - 1979

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अँखियों में छोटे-छोटे सपने सजाइके
बहियों में निंदिया के पंख लगाइके
चँदा में झूले मेरी बिटिया रानी
चाँदनी रे झूम, हो, चाँदनी रे झूम ...यही तो कली है प्यारी मेरी सारी बगिया में
मैंने यही मोती पाया जीवन नदिया में
ममता लुटाऊं ऐसी मच जाए धूम
चाँदनी रे झूम, हो, चाँदनी रे झूम ...निंदिया के संग-संग राजा कोई आएगा
बिंदिया लगाएगा रे माला पहनाएगा
लेगा फिर प्यारे-प्यारे मुखड़े को चूम
चाँदनी रे झूम, हो, चाँदनी रे झूम ...