मिलाती है नज़र नज़रों से अगर - The Indic Lyrics Database

मिलाती है नज़र नज़रों से अगर

गीतकार - राजा मेहदी अली खान | गायक - मोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले | संगीत - ओपी नैय्यर | फ़िल्म - दो दिलों की दास्तान | वर्ष - 1966

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र: मिलती है नज़र नज़्रों से अगर शर्माते हो क्यों, क्यों, क्यों
ल: दुनिया का है डर नज़रों से नज़र टकराते हो क्यों, क्यों, क्योंल: मिलते ही निगाहें दीवाने, क्यों मचल गया दिल तेरा है
र: बस ये समझो इक भँवरे ने, तुम्हे फूल समझकर घेरा है
ल: हूँ फूल अगर भँवरा बनकर, तरसाते हो क्यों, क्यों, क्योंल: जाओ जी हम नहीं दिल देते, हम देखेंगे क्या कर लोगे
र: ये अच्छी तरह हम जान गए, तुम कोई बहाना कर लोगे
ल: फिर बन-ठन के इस लड़की के पास आते हो क्यों, क्यों, क्यों