गीतकार - पं. नरेंद्र शर्मा | गायक - NA | संगीत - अनिल बिस्वास | फ़िल्म - हमारी बातो | वर्ष - 1943
View in Romanओ ओ मन फूले नहीं समाये समाये
ओ
ओ
अ : मन फूले नहीं समाये समाये
मन फूले नहीं समाये
क्या पाये क्यूँ इतराये
अ : आये जो गुलशन में हो तुम
कलीकली मुसकाये
मन फूले नहीं समाये समाये
मन फूले नहीं स
कहाँ गई वो फूल वाली
आ
वहाँ गई वो फुलों वाली
जहाँ न पहुँचे बाग़ का माली
साजन हो साजन
मैं वो तितली हूँ
कभी जो हाथ न आये
अ : अब जो
अब जो कहीं जाओ हमको
कभी न जाने दें हम तुमको
कभी न जाने दें तुमको
छान सके कुंजल कुंजल को
छान सके
हार से क्यूँ शरमाये शरमाये
अ : ऐसा प्रेम न भाये
मुझे ऐसा प्रेम न भाये
अब क्यूँ न मन इतराये