किसी ना किसी से, कभी ना कभी - The Indic Lyrics Database

किसी ना किसी से, कभी ना कभी

गीतकार - एस. एच. बिहारी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - कश्मीर की कली | वर्ष - 1964

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किसी ना किसी से, कभी ना कभी
कहीं ना कहीं दिल लगाना पड़ेगा
एक से एक हसीन चेहरे हैं, किस किस को मैं देखूँ
किसको जग में अपना समझू, संग मैं अपने ले लूँ
कोई रंगीली, छैल छबिली
कोई रंगीली, रसीली, छैल छबिली
आज मेरी ज़िंदगी में आके रहेगी
ढूंढ़ रहा हूँ मैं वो दुनिया प्यार जिसे कहते हैं
कौन वो किस्मतवाले हैं जो लोग वहाँ रहते हैं
मुझको, मेरे दिल लेके वहीं चल
मुझको, मेरे दिल, मेरे दिल, लेके वहीं चल
आये जहाँ हाथ कोई रेशमी आँचल
ऐसे नाजुक वो हो जिसका शबनम मुँह धोती हो
चाँद भी सदके होता हो जब रात को वो सोती हो
आँख शराबी, गाल गुलाबी
आँख शराबी, शराबी गाल गुलाबी
प्यार से सँवार दे जो ज़िंदगी मेरी