किसी को पता ना चले बात का - The Indic Lyrics Database

किसी को पता ना चले बात का

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - लूटेरा | वर्ष - 1965

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छुपा के रखना मोहब्बत को इस ज़माने से
कि आज सांस भी लेना किसी बहाने से
किसी को पता ना चले बात का
कि है आज वादा मुलाक़ात का
बुरा हाल है दिल के जज़्बात का
कि है आज वादा मुलाक़ात का
न दिल था न दिल में ये अरमान थे
ये लब मुस्कुराहट से अन्जान थे
जुदाई में हम तो परेशान थे
ख़ुदा मेहरबां था ना इन्सान थे
मगर आज क्या ज़िक्र सदमात का
कि है आज वादा मुलाक़ात का
मोहब्बत अजी यूँ मचलने लगी
शमा जैसे महफ़िल में जलने लगी
छुरी मान लो दिल पे चलने लगी
कोई दिल की हसरत निकलने लगी
बदलने लगा रंग हालात का
कि है आज वादा मुलाक़ात का
सजाओ ये राहें बिछाओ निगाहें
ख़बर उनकी आई नज़र मुस्कुराई
हुआ है इशारा मिलेगा सहारा
मोहब्बत की प्यासी मिटेगी उदासी
कि दीदार होगा अजी प्यार होगा
बनेगा फ़साना किसी बात का
कि है आज वादा मुलाक़ात का